धान क्रय केंद्र पर केंद्र प्रभारी की मनमानी,डिप्टी आरएमओ का बेतुका जवाब,किसान त्रस्त

धान क्रय केंद्र पर केंद्र प्रभारी की मनमानी,डिप्टी आरएमओ का बेतुका जवाब,किसान त्रस्त


बेलहर,संतकबीरनगर। बेलहर क्षेत्र में धान क्रय केन्द्र का संचालन सही से न होने से किसान परेशान हैं। क्षेत्र में स्थित एक क्रय केन्द्र का संचालन सिर्फ कागजो तक ही सीमित है। इन क्रय केन्द्रों पर भी विचौलिए पूरी तरह हावी है। किसानों की शिकायते अधिकारी नजर अंदाज कर रहें हैं जिससे किसानों में अक्रोश ब्याप्त है।
बेलहर क्षेत्र में धान क्रय केन्द्रों पर किसान धान बेचने में असमर्थ हैं। इस क्षेत्र में संचालित क्रय केन्द्रों पर भी विचौलिए पूरी तरह से हावी हैं। क्षेत्र में संचालित धान क्रय केन्द्र गंगौरा का संचालन सिर्फ कागजों में ही हो रहा है यहा के किसानों को इस केन्द्र के बारे में ही नही पता है। जबकि गंगौरा में अभी तक 55 किसानों से 5 हजार से अधिक कुन्तल धान की खरीद हो चुकी है पर क्षेत्र के किसान अभी तक धान नही बेच सके क्यों इस केन्द्र का संचालन कहा हो रहा है कोई पता ही नही है यहा तक की संबंधित अधिकारियों को भी संचालित स्थान का पता नही है। अधिकारियों की लापरवाही इधर कदर बढ गई है कि एक ही ग्राम पंचायत के नाम से दो दो केन्द्रों का आवंटन कर दिया गया है। गंगौरा के ही राजस्व गांव करमहिया के नाम से भी केन्द्र संचालित हो रहा है वह भी यहा नही संचालित है। करमहिया केन्द्र पर लगभग 2 हजार कुन्तल से अधिक धान की खरीद हो चुकी है यहा संचालक के घर के दो सदस्यों को छोड बाकी किसान क्षेत्र से संबंध नही रखते है वही क्षेत्र के किसानों के खरीद के लिए तमाम बहाने बनाए जाते हैं। पिपरा प्रथम निवासी अमित सिंह और सूर्यप्रकाश ने बताया कि इन दोनों केन्द्रों पर कब खरीदारी होती है पता ही नही चल पाता है और हम लोग धान बेचने जाते है तो केन्द्र कहा है पता ही नही चल पाता है। गंगौरा के केन्द्र प्रभारी का नंबर भी नही मिलता है जबकि करमहिया प्रभारी फोन करने पर बोरे आदि का बहाना करते है।



साधन सहकारी समिति पर भी बिचौलिए हावी


क्षेत्र में साधन सरकारी केन्द्र भी धान खरीद में फिसड्डी साबित हो रहें हैं। साधन सहकारी समिति रमवापुर पठान में अभी तक लगभग चार सौ कुन्तल ही धान की खरीद हो सकी है वह भी क्षेत्रीय किसानों का नही हुआ है इसी प्रकार लोहरौली खास में खरीद बहुत धीमी है यहा पर अभी तक लगभग 6 सौ कुन्तल की खरीद हो सकी है। साधन सरकारी समितियां धान खरीद में फीसड्डी साबित हो रही है।



बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर किसान


बेलहर क्षेत्र में अधिकारियों की मनमानी किसानों पर भारी पड रही है। अधिकारियों ने जहां एक ग्राम पंचायत में दो क्रय केन्द्र बना दिया है वही अधिकतर क्षेत्र के किसान क्रय केन्द्र न होने से बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हैं। क्षेत्र के बेलहर, पिपरा प्रथम, सियाकटाई, मदरहा, औरहिया आदि जगहों से काफी दूरी पर क्रय स्थिति होने से यहा के किसान सरकारी रेट से काफी कम दामों पर धान बेच रहें हैं। किसान हनुमान यादव, संजय कुमार, गंगाराम चौधरी, श्रीराम चौधरी आदि ने इसकी शिकायत भी टोल फ्री नंबर के साथ ही जिले के आला अधिकारियों तक से किया पर कुछ नही हुआ। इन लोगो ने बताया कि संबंधित अधिकारियों का फोन समाधान कराने हेतु जरूर आया पर अभी तक समाधान नही किया गया।



"जिस भी समिति के लोग मेरे पास प्रस्ताव बनाकर कर आए मैने केन्द्र स्वीकृत कर दिया अब मै गांव गांव देखने थोडे ही जाऊंगा। अब जहा जहा से केन्द्र बंद होने की या खरीद न होने की शिकायत मिल रही है वहा का हम जांच करवा रहे है अगर सही मिला तो कार्यवाई की जाएगी।"


रामानंद जायसवाल 
डिप्टी आरएमओ-संतकबीरनगर


 


डिप्टी आरएमओ साहब का भी जवाब तो आपने सुनी लिया कि उन्होंने क्या कुछ मीडिया से बताया लेकिन सवाल यह भी है कि क्या साहब मनमानी तरीके से जवाब देते रहेंगे या फिर किसानों की समस्या पर भी ध्यान देंगे। एक तरफ किसान की समस्या को लेकर योगी सरकार सख्त है तो वही अधिकारी किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। जिसके चलते किसान बिचौलिया के हाथ अपने मेहनत और पसीने की गाढ़ी कमाई को बेचने को मजबूर है। तो कहीं ऐसी स्थिति मे किसान दर-दर भटकने को मजबूर है। लेकिन सवाल यही है कि किसान प्रधान देश में किसान कब तक लूटता रहेगा और अधिकारी कब तक किसानों को मोहरा बनाकर अपनी पीठ थपथपाते रहेंगे..?